असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 मायावती की पार्टी बसपा के साथ गठबंधन कर लड़ने के नाम भर से समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेताओं के पसीने छुटने लगे हैं। सपा वरिष्ट नेता आज़म खान साहेब का प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी पर कल का बयान इसी बौखलाहट का ‘सपा-बीजेपी’ ‘आंतरिक गठबंधन’ का हिस्सा हो सकता है।
भले बिहार में ‘मजलिस’ कुछ खास नहीं कर पायी हो और बिहार चुनाव लड़ने से मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग का कुछ हिस्सा ‘मजलिस’ पर थोड़ी देर के लिए ‘बीजेपी’ के साथ ‘सांठगाठ’ का आरोप मढें हों पर सचाई ये भी है अगर मजलिस ने 24 सीटों पर लड़ने का एलान नहीं किया होता तो महागठबंधन मुसलमानो को ’33’ सीट किसी हाल में नहीं देती।उदहारण बिहार विधानसभा के तुरंत पहले हुए एमएलसी का चुनाव था जब लालू यादव की पार्टी राजद ने 12 सीटों के अपने हिस्से में से एक सीट भी मुसलमान को नहीं दिया था और 8 सीटें यादवों को दे दीं थीं। जदयू ने भी बड़े भाई के पदचिन्हों पर चलते हुए अपने 12 सीटों में से सिर्फ एक सीटिंग सीट मुस्लिम उम्मीदवार को दिया था।महागठबंधन, सपा, बसपा जैसी पार्टियां ही नहीं बल्कि ‘नौटंकी बादशाह’ अरविन्द केजरीवाल की नयी नवेली पार्टी भी बहुत अच्छी तरह से जानती है की बीजेपी को हराना है तो मुसलमानो को झक मारकर इन तथाकथित ‘धरनिर्पेक्ष’ पार्टियों को वोट देना होगा। Continue reading “मीम-भीम गठबंधन: भारतीय राजनीति नए तजुर्बे की तैयारी में।”