We all are aware of Sir Syed Ahmad Khan’s mammoth efforts in shaping the educational landscape of Indian Sub continent in the 19th century by establishing the scientific society, Victoria College, Persian School in Moradabad and the establishment of Mohammedan Anglo Oriental College in Aligarh, which in 1920 became the Aligarh Muslim University. These establishments help Indians specially those who belong to marginalised section of the society to achieve great heights in their educational pursuit and also help them in becoming better human beings. Sir Syed Ahmad Khan was a visionary whose foresightedness helped Indians in mastering English language and thus creating their niche in their own country where they were outclassed and outsmarted by colonial masters because of their proficiency in a universal language. Continue reading “Let’s reclaim the spirit of A.M.U.”
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अलिग सीनियर्स और शिक्षकों के नाम एक जूनियर का खुला ख़त:
आदाब (90 डिग्री), जनाब।
मुसलमानो में दोहरे मापदंड की ऐसी स्थिति बन चुकी है जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त से लेकर अंगूठा छाप तक ग्रस्त और लोग उनसे त्रस्त हैं। ‘दलाल’ का सर्टिफिकेट तो हम पहले से छपा कर रखते हैं, बस उसपर नाम भर भरना रहता है। अब ये स्क्रीन शॉट ही देखिए, ज़फर सरेशवाला कोई है, उसपर हमारे सीनियर हज़रत की प्रतिक्रिया। इसके ठीक विपरीत अपने ही इदारे के जिम्मेदारों द्वारा हो रहे भरष्टाचार, धांधली पर कभी किसी ‘तथाकथित और सर्वमान्य सीनियर’ हज़रत की तरफ से कोई आपत्ति या प्रतिक्रिया आम तौर पर नहीं आती। जनाब, पूरी दुनिया सरेशवाला के कृत्य और विचार से अवगत है, आप दुनिया को उससे अवगत क्यों नहीं कराते जिसकी ज़िम्मेवारी सर सय्यद ने आपके हवाले की थी और क़ौम-ओ- मिल्लत की रहनुमाँ के तौर पर सींचने के लिए अपने जीवनकाल में ‘इख्वानुन्नफसा’ की स्थापना की थी। सय्यद ने ‘असबाब बग़ावत-ए-हिन्द’ लिख कर अंग्रेजों के मुंह पर वो तमाचा जड़ा की अँगरेज़ बिलबिला कर रह गए लेकिन सर सय्यद के किरदार और क़लम को नकार नहीं सके। वो आपका/हमारा किरदार दुनिया को क्यों नहीं परोसते। हमारी कमज़ोर आवाज़ दुनिया के खिलाफ उठती भी है तो अमुवि प्रशासन की धांधलियों के खिलाफ क्यों नहीं उठती। इसके विपरीत ‘दायें और बाएं महाज़’ पर हमारा प्रहार इतना ज़बरदस्त क्यों होता है। अमुवि आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहाँ से शायद सबकुछ बदल जाये, इस बदलाव की ज़िम्मेदारी मेरी, आपकी और पुरे मिल्लत इस्लामिया पर जायेगी। अपने आपको भी ज़िम्मेवार मानते हुए मैं कुछ सवाल अपने सीनियर और अमुवि के शिक्षकों से करना चाहता हूँ और मैं चहुंगा की वो भी मुझसे पूछें: Continue reading “अलिग सीनियर्स और शिक्षकों के नाम एक जूनियर का खुला ख़त:”
Sir Syed Day celebrated in Maharashtra
THE 195th birth anniversary of the revolutionary Muslim leader and scholar, Sir Syed Ahmad Khan, was recently celebrated in Mumbai.
The Aligarh Muslim University Alumni Association (AMUAA) of Maharashtra held their annual Sir Syed Day event at Alkesh Dinesh Modi Hall, Mumbai University on October 17, 2012.
Kuldeep Nayar, an eminent Journalist, was the Chief Guest on the accassion. He emphasised on the role of Sir Syed Ahmed Khan in revolutionising Education. He called on Muslims of India to wake up and don’t consider themselves as minority, “There is no minority or Majority in the country, India belongs to all who live here.” He was of the opinion that Indian Muslims can become a force to reckon with if they take up education seriously. Continue reading “Sir Syed Day celebrated in Maharashtra”